CM भगवंत मान ने औद्योगिक और व्यापार विकास नीति के प्रस्ताव को दी मंजूरी, रोजगार के मुद्दे पर कही ये बात
Punjab Government: पंजाब राज्य को प्रगतिशील, नवीनतम और टिकाऊ औद्योगिक एवं कारोबारी वातावरण प्रणाली के द्वारा व्यापार के लिए सबसे पसंदीदा स्थान के तौर पर उभारने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ‘औद्योगिक और व्यापार विकास नीति-2022’ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस संबंधी फाइल को मुख्यमंत्री ने शनिवार मंजूरी दे दी. मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग को वेबसाईट www.pbindustries.gov.in पर यह नीति अपलोड करके औद्योगिक भाईचारे के सुझाव मांगने के आदेश दिए हैं.
रोजगार के मद्देनजर लिया गया फैसला
उन्होंने कहा कि पॉलिसी सम्बन्धी सुझाव suggestions.ind@punjab.gov.in पर ई-मेल के द्वारा भेजे जा सकते हैं और पोर्टल पर भी डाले जा सकते हैं. भगवंत मान ने कहा कि औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ नौजवानों को रोजगार मुहैया करवाने के मद्देनजर नीति के प्रस्ताव को हर पहलू से विचार कर तैयार किया गया है.
क्या है इस नीति का उद्देश्य?
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि इस नीति का मकसद औद्योगिक विकास एवं रोजगार के अवसर सृजन करने में तेजी लाकर पंजाब को निवेश के लिए पसंदीदा स्थान के तौर पर उभारना है. उन्होंने आगे कहा कि यह नीति स्टार्टअप के विकास की गति में भी तेजी लाएगी और नवीनतम, मुकाबलेबाजी में सुधार और सामथ्र्य को बढ़ाकर उद्यमिता को बढ़ावा देगी. भगवंत मान ने कहा कि यह नीति सूक्ष्म, छोटे और दरमियान उद्योगों के विकास की रफ्तार में भी तेजी लाएगी और उद्योग के लिए गुणवत्ता और किफायती बिजली समेत विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा विकसित करेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नीति उद्योग को कुशल मानव संसाधन मुहैया करवाने की सुविधा देगी, ‘ग्लोबल वेल्यु चेन’ को आगे बढ़ाने के मौके पैदा करेगी और वैश्विक स्तर पर पहुंचने के लिए राज्य के प्रोग्रामों और केंद्रीय स्कीमों के बीच तालमेल पैदा करेगी. उन्होंने कहा कि यह सर्कुलर और टिकाऊ अर्थव्यवस्था (ऐसी अर्थव्यवस्था जिसका उद्देश्य वस्तुओं और सेवाओं को टिकाऊ तरीके से पैदा करना, संसाधनों (कच्चे माल, पानी, ऊर्जा) के उपभोग और बर्बादी के साथ-साथ अवशेष के उत्पादन को सीमित करना) और रुपये को आकर्षित करने में मददगार साबित होगी. यह नीति पांच सालों में 5 लाख करोड़ का निवेश, जी.एस.डी.पी. में सेकंडरी सैक्टर का हिस्सा बढ़ाकर 30 प्रतिशत और तीसरे क्षेत्र का 62 प्रतिशत करने और कौशल के जरिए नौजवानों की रोजगार योग्यता को बढ़ाने और राज्य में रोजगार के मौके बढ़ाने में भी सहायक होगी.
भगवंत मान ने कहा कि यह नीति राज्य में कम से कम 15 औद्योगिक पार्क विकसित करने के लिए भी अपेक्षित सुविधा देगी, निर्माण और सेवा उद्योग के अलग-अलग सैक्टरों में कम से कम एक ‘एंकर यूनिट’ को आकर्षित करेगी, उद्योगों को 5 सालों के लिए किफ़ायती और स्थिर दरों पर बिजली मुहैया करवाएगी और सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली के बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करेगी, जिससे निर्विघ्न बिजली सप्लाई यकीनी बनाई जा सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति के मसौदे में डिजिटल निर्माण, जीवन विज्ञान (बायोटैक्नोलॉजी), एग्रो और फूड प्रोसेसिंग और सूचना प्रौद्यौगिकी पर ध्यान केन्द्रित करते हुए मुकाबलेबाजी बढ़ाने के लिए हर एक साल 10 कलस्टरों का गहराई से अध्ययन करने, हर साल पांच कलस्टरों में कॉमन फैसिलिटी सैंटरों की स्थापना और अपग्रेड करने, राज्य में 10 प्रौद्यौगिकी केन्द्रों की स्थापना और अपग्रेड करने, पांच सालों में 1000 स्टार्ट-अप्ज की सुविधा के अलावा राज्य में 10 इनक्यूबेशन सैंटरों/ऐक्सीलेटरों की स्थापना की सुविधा पर भी विचार किया गया है.

कोई टिप्पणी नहीं: