Narayan Broadband

Narayan Broadband
Fast Internet Service Provider in Gopalganj Whole Urban & Rural Area

ब्रेकिंग न्यूज

ब्रेकिंग न्यूज
न्यूज़ 7 इंडिया के न्यूज़ वेबसाइट में आप सभी का स्वागत है 🙏🙏लेटेस्ट ताजा तरीन खबरें पढ़ने 📰के लिए आप हमें फेसबुक पर लाइक 👍करें और न्यूज 7 इंडिया यूट्यूब को सब्सक्राइब करें।। धनयवाद।।

कुछ मीठा हो जाए...खाने के बाद ही क्यों खाते हैं मीठा, चॉकलेट्स क्यों पसंद आते हैं, जानिए इन सवालों का सीधा जवाब

 

Healthy Life: किसी भी दावत या खाने-पीने से संबंधित भोज या रेस्टोरेंट में आपसे जरूर पूछा जाता है मीठे में क्या लेंगे. मीठे में अक्सर खीर-दही-मिठाई या किसी भी तरह का मिष्टान्न सबसे बाद में परोसा जाता है. जानते हैं इसकी वजह-भारत में प्राचीनकाल से ही लोग खाना खाने के बाद मीठा जरूर खाते हैं. हिन्दू शास्त्र और आयुर्वेद में भी इसका उल्लेख मिलता है. मीठा खाने के बारे में तो आपको पता होगा लेकिन आप भी ये सोचकर कंफ्यूज होते होंगे कि खाने से पहले मीठा क्यों नहीं खाते, खाने के बाद ही क्यों खाते हैं.

भारतीय थाली में मसालेदार-तीखे व्यंजन होते हैं 

भारतीय खाने की थाली में तीखे और मसालेदार व्यंजन परोसे जाते हैं, ताकि आपका पाचन तंत्र सक्रिय हो जाए. शोधकर्ताओं के अनुसार जब आप खाना खाते हैं, तो आपका शरीर पाचक रस और एसिड जारी करता है, जो पाचन प्रक्रिया को बढ़ाते हैं. इससे यह तय हो जाता है कि आपकी पाचन शक्ति सही तरह से कार्य कर रही है.

आयुर्वेद के अनुसार शुरुआत में तीखा भोजन करने के बाद पेट में पाचन तत्व तथा अम्ल सक्रिय हो जाते हैं। जिससे पाचन तंत्र तेज जाता है. शुरुआत में तीखा खाने से जठराग्नि बढ़ जाती है जिसके चलते अच्‍छी भूख लगती है.

वहीं, मीठी चीजों में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है जो पाचन प्रक्रिया को धीमी कर देता है इसलिए खाना खाने के बाद मीठा खाने से पाचन प्रक्रिया दुरुस्त रहती है.

दूसरा, मीठा खाने से सेरोटोनिन नाम के हॉर्मोन का स्तर बढ़ता है और ये न्यूरोट्रांसमीटर का काम करता है जिससे मीठा खाने के बाद आपको खुशी का अनुभव होता है. मीठे का सेवन एमिनो एसिड ट्रिप्टोफैन के अवशोषण को बढ़ाता है. ट्रिप्टोफैन को सेरोटोनिन लेवल बढ़ाने के लिए जाना जाता है. सेरोटोनिन एक न्यूरोट्रांसमीटर है, जो खुशी की भावना से जुड़ा है यानि मीठा खाने से आपको खुशी होती है.

यदि भारी खाना खाने के बाद आपको हाइपोग्लाईसीमिया की स्थिति से गुजरना पड़ता है तो इस स्थिति में ब्लड प्रेशर काफी कम हो जाता है। इस स्थिति से बचने के लिए खाने के बाद मीठा खाने की सलाह दी जाती है. आयुर्वेद के अनुसार खाने के बाद मीठा खाने से अम्ल की तीव्रता कम हो जाती है जिससे पेट में जलन या एसिडिटी नहीं होती है.

एक्सपर्ट्स की सलाह

मीठा खाने की लालसा आमतौर पर देर रात में होती है और हम अक्सर इस लालसा के आगे झुक जाते हैं. मीठा खाने से आपके ब्रेन में केमिकल का एक बड़ा उछाल आता है, जिसे डोपामाइन कहा जाता है. ये बताता है कि आप रात में 3 बजे मीठी चॉकलेट के लिए अधिक तरसते हैं.

स्टडी बताती हैं कि खाने के बाद मीठा खाने की लालसा स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है. ये आपकी हेल्थ को प्रभावित करता है और स्वास्थ्य से जुड़ी कई छोटी-छोटी समस्याओं का कारण बनता है. ज्यादा मात्रा में शुगर लेने से कोरोनरी हार्ट डिजीज के खतरे के कारक बढ़ जाएंगे, जिनमें मोटापा, बढ़ा हुआ ब्लड स्ट्रेन और इरिटेशन शामिल है.

हाल की कई स्टडीज और आयुर्वेद से पता चलता है कि अगर मिठाई या मीठे को भोजन के बाद खाने के बजाए खाने से पहले खाया जाए, तो ये सेहत के लिए नुकसानदायक नहीं है. आप मीठे में रिफाइंड शुगर की बजाए गुड़ या प्राकृतिक स्वीटनर का प्रयोग करें तो ये ज्यादा फायदेमंद है.

कुछ मीठा हो जाए...खाने के बाद ही क्यों खाते हैं मीठा, चॉकलेट्स क्यों पसंद आते हैं, जानिए इन सवालों का सीधा जवाब Reviewed by News 7 India on सोमवार, सितंबर 12, 2022 Rating: 5

कोई टिप्पणी नहीं:

News 7 India All Right Reseved |

संपर्क फ़ॉर्म

नाम

ईमेल *

संदेश *

Blogger द्वारा संचालित.